Blog

  • कर्ण पूरण (Ear Filling)

    कर्ण पूरण (Ear Filling)

    आयुर्वेद में कर्ण पूरण का अपनी दिनचर्या (healthy daily routine) एवं चिकित्सा में बहुत महत्व है। दिनचर्या में नित्य कर्ण पूरण करना चाहिए नित्य कर्ण पूरण के लिए “कटु तेल” (सरसों का तेल) को हमारे आयुर्वेद में श्रेष्ठ कहा गया है। अगर हम नित्य कर्ण पूरण करते हैं, तो निम्नलिखित समस्याओं से बचा जा सकता

    Read more…

  • रात्रि भोजन पश्चात निद्रा विधि (Breathing Practices for Restful Sleep)

    रात्रि भोजन पश्चात निद्रा विधि (Breathing Practices for Restful Sleep)

    भुक्तवा शत पदम् गछेत शनै अर्थात जब भी रात्रि का भोजन कर लेवें उसके पश्चात धीरे धीरे १०० कदम जरूर चलना चाहिए , ऐसा करने से हमने जो भी भोजन किया है वो शिथिल हो जाता है, जिसके कारण भोजन का पाचन आसानी से होता है। साथ ही गर्दन, घुटना और कमर की पेशियों को

    Read more…

  • गर्भ निरोधक औषध (Contraceptive Medicines)

    बाह्य चिकित्सा आभ्यान्तर चिकित्सा गर्भ पातक औषध बाह्य चिकित्सा आभ्यान्तर चिकित्सा

    Read more…

  • हरितकी (Haritaki)

    हरितकी (Haritaki)

    इसको हरड़ा या हर्रे भी बोल सकते हैं। हमारे आयुर्वेद में हरितकी को ‘माता’ कहा गया है। हरितकी मनुष्याणां मातेव-हितकारिणी हरितकी माता की तरह अपने बच्चों का ध्यान रखती हैं, कैसे ध्यान रखती हैं, चर्विता वर्धयति अग्नि = चबा के खायेंगे तो अग्नि (भूख) बढ़ेगी। पेषिता मलशोधनी = पीसकर खायेंगे तो कोष्ठ (पेट) का मल

    Read more…

  • आहार

    आहार

    आहार – इसका तात्पर्य वो ऐसी वस्तु जिसको हमारे कोष्ठ (उदर पेट) की अग्नि फ्चा दे। और उसके पचने से हमारी सात धातुओं की वृद्धि हो । आहार द्रव्य प्रभाव, प्रयोग, गुण, रस इत्यादि भेद से अनेक होते हैं लेकिन मुख्यतया गुरु एवं लघु आहार होते हैं जिनको कोष्ठाग्नि बताती है।अगर जो आहार देर से

    Read more…

Recent Videos

“Dr. Sameer’s insights on Ayurveda have transformed my approach to health and wellness. His guidance has truly made a positive impact on my life!”

~ Vishal Gupta

Copyright © 2024 AyurvedicWays. All Rights Reserved.