यह एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे मुख्य रूप से आमवात (गठिया वात) रोग में प्रयोग किया जाता है। गुग्गुल (Commiphora mukul) नामक पौधे का निर्यास इस औषधि का मुख्य घटक है, जिसे विशेषकर वात रोगों में प्रभावी माना गया है।
गुग्गुल की विशेषता यह है कि:
“कोष्ठ संधि अस्थिवायु: वृक्षम इंद्री शनि यथा”
इसका तात्पर्य यह है कि जिस प्रकार आकाशीय बिजली किसी वृक्ष को गिरा देती है, उसी प्रकार गुग्गुल कोष्ठगत, संधिगत, और अस्थिगत वात रोगों को नष्ट कर देता है।
सिंहनाद गुग्गुल वटी के घटक द्रव्य (Content of Singhanad Guggul Vati):
- हरितकी (हर्रे)
- विभितकी (बहेड़ा)
- आमलकी (आंवला)
- शुद्ध गंधक
- एरंड तेल (Castor Oil)
- गुग्गुल
आमवात के अलावा, इस दवा का प्रयोग सांस फूलना, खांसी, पेट में दर्द, कुष्ठ रोग, और वातरक्त जैसी समस्याओं में भी किया जा सकता है।
सेवन के दौरान ध्यान देने योग्य आहार:
सिंहनाद गुग्गुल वटी का सेवन करते समय शालि चावल, साठी चावल, तेल, और घी का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है।

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