हमारे शरीर की आयु, वर्ण, बल, ओज, तेज, स्वास्थ्य, उपचय ये सभी अग्नि पर ही निर्भर होते हैं। जब तक देहाग्नि है, तब तक ये सारी चीजें बनी रहती हैं। कहा भी गया है:

“शांते अग्नो म्रियते, युक्ते चिरम जीवति अनामयः”

(शरीर की अग्नि शांत हो जाती है तो मृत्यु हो जाती है, और यदि शरीर में अग्नि बनी रहती है, तो लंबे समय तक बिना व्याधि के जीवित रहा जा सकता है।)


अग्नि के प्रकार


उपनिषद के अनुसार अग्नि के तीन प्रकार होते हैं:

  • ज्ञानाग्नि
  • दर्शनाग्नि
  • कायाग्नि

आयुर्वेद में अग्नि के १३ प्रकार बताए गए हैं:

  • 5 भूताग्नि: पंचभौतिक शरीर की 5 अग्नि (नाभस, वायव्य, आग्नेय, आप्य, पार्थिव)
  • 7 धात्वाग्नि: शरीर के 7 धातुओं की अग्नि (रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, शुक्र)
  • जठराग्नि: उदर या कोष्ठ में रहने वाली अग्नि

इन १३ अग्नियों में सबसे प्रधान जठराग्नि मानी जाती है। जठराग्नि ही बाकी भूताग्नि और धात्वाग्नि का मूल है। यदि जठराग्नि की वृद्धि होती है, तो दोनों अग्नियों की वृद्धि होती है, और यदि जठराग्नि मंद होगी, तो दोनों अग्नियों की मंदता हो जाती है। आहार का पाचन करने में जठराग्नि की मुख्य भूमिका होती है। सम्यक रूप से पचा हुआ आहार ही आयु की वृद्धि करता है।


बल के आधार पर जठराग्नि के 4 प्रकार:


  • तीक्ष्णाग्नि
  • मंदाग्नि
  • विषमाग्नि
  • सम अग्नि

तीक्ष्णाग्नि आहार का पाचन तुरंत कर देती है,
मंदाग्नि आहार का पाचन विलंब से करती है,
विषमाग्नि आहार का पाचन विषमता से करती है,
सम अग्नि आहार का पाचन उचित रूप में करती है।

  • तीक्ष्णाग्नि: अल्प भोजन करने से तीक्ष्णाग्नि आहार को तुरंत पचा कर शरीर की धातुओं का शोषण करने लगती है।
  • मंदाग्नि: आहार में विदाह उत्पन्न करती है।
  • विषमाग्नि: धातुओं में विषमता लाती है।
  • सम अग्नि: धातुओं में साम्यता लाती है।

तीक्ष्णाग्नि पित्तज रोग उत्पन्न करती है,
मंदाग्नि कफज रोग,
विषमाग्नि वातज रोग,
सम अग्नि स्वास्थ्य को उत्पन्न करती है।


अग्नि की चिकित्सा


  • तीक्ष्णाग्नि: मधुर, स्निग्ध, शीतल आहार का सेवन करें।
  • मंदाग्नि: कटु, तिक्त, कषाय रस का सेवन करें।
  • विषमाग्नि: अम्ल, लवण, स्निग्ध आहार का सेवन करें।
  • सम अग्नि: सदैव सम अग्नि की रक्षा करें।

Leave a comment

Recent Videos

“Dr. Sameer’s insights on Ayurveda have transformed my approach to health and wellness. His guidance has truly made a positive impact on my life!”

~ Vishal Gupta

Copyright © 2024 AyurvedicWays. All Rights Reserved.